लोरिकायन - वीर रस से परिपूर्ण इस लोकगाथा में गायक लोरिक के जीवन-प्रसंगों का जिस भाव से वर्णन करता है, वह देखते-सुनते ही बनता है।
लोक गीत का क्या अर्थ है? लोकगीत लोक के गीत हैं। जिन्हें कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा लोक समाज अपनाता है। सामान्यतः लोक में प्रचलित, लोक द्वारा रचित एवं लोक के लिए लिखे गए गीतों को लोकगीत कहा जा सकता है। लोकगीतों का रचनाकार अपने व्यक्तित्व को लोक समर्पित कर देता है।
लोक गीत कैसे गाए जाते हैं?
ये गीत बाजों की मदद के बिना ही या साधारण ढोलक, झाँझ, करताल, बाँसुरी आदि की मदद से गाए जाते हैं ।
लोकगीत क्या है लोकगीत की विशेषताएं बताइए?
लोकगीत अशिक्षित सामान्य जनों के उपयोग का कलात्मक माध्यम है। लोकगित अपनी सरलता और सवाभाविकता के कारण ही मोहक होता है। लोकगीत समाज धरोहर ही नहीं लोकजीवन का दर्पन भी है। लोकगितों की प्रमुख विशेषता है कि इसमें निहित मिठास छंद के स्थानों पर इसके लय में अद्भूत मिठास और संवेदना भरा होता है।
लोकगीतों के कितने प्रकार होते है?
ANSWER -:
(1) विवाह के अवसरों पर गाए जाने वाले गीत
(2) जन्म पर गाए जाने वाले गीत
(3) समूहों में रसिकप्रियों और प्रियाओं को छेड़ने वाले गीत
(4) सावन पर गाए जाने वाले गीत
(5) नदियों पर, खेतों पर गाए जाने वाले गीत
(6) संबधियों से प्रेमयुक्त छेड़छाड़ वाले गीत
(7) त्योहारों पर गाए जाने वाले गीत
हिंदी के सर्वश्रेष्ठ लोकगीत का क्या नाम है?
विभिन्न ॠतुओं के सहजतम प्रभाव से अनुप्राणित ये लोकगीत प्रकृति रस में लीन हो उठते हैं। बारह मासा, छैमासा तथा चौमासा गीत इस सत्यता को रेखांकित करने वाले सिद्ध होते हैं। पावसी संवेदनाओं ने तो इन गीतों में जादुई प्रभाव भर दिया है। पावस ॠतु में गाए जाने वाले कजरी, झूला, हिंडोला, आल्हा आदि इसके प्रमाण हैं।
लोकगीत और उदाहरण क्या है?लोक गीत की परिभाषा आम लोगों द्वारा या आम लोगों की शैली में लिखा गया गीत है । लोक गीत का एक उदाहरण 1960 के दशक के दौरान किंग्स्टन ट्रायो द्वारा गाया गया गीत है। संज्ञा।
लोकगीत किससे बनता है?लोकगीत किससे बनता है?
शब्दकोश परिभाषा के अनुसार, एक लोक गीत है: " एक गायक या पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक मौखिक परंपरा द्वारा पारित, अक्सर कई संस्करणों में मौजूद होता है, और आम तौर पर सरल, मोडल मेलोडी और श्लोक, कथात्मक कविता द्वारा चिह्नित होता है ।" लोग अक्सर सोचते हैं कि लोक संगीत और देशी संगीत एक ही चीज है।
लोकगीत क्यों लोकप्रिय होते हैं?लोकगीत मानव हृदय में समय-समय पर उत्पन्न होने वाले वे प्राकृतिक तथा स्वाभाविक भाव हैं, जो स्थान, समय, परिवेश, परिस्थिति तथा व्यक्तित्व आदि के अनुसार जनमानस के हृदय में आंदोलित होकर स्वतः शब्दों तथा स्वरों के मधुर मिश्रण के रूप में मानव कंठों से मुखरित होते हैं।
स्त्री के लोकगीत कैसे होते हैं?सदा से ये गाए जाते रहे हैं और इनके रचनेवाले भी अधिकतर गाँव के लोग ही हैं। स्त्रियों ने भी इनकी रचना में विशेष भाग लिया है। ये गीत बाजों की मदद के बिना ही या साधारण ढोलक, झाँझ, करताल, बाँसुरी आदि की मदद से गाए जाते हैं। और औरतों के दल एक साथ या एक-दूसरे के जवाब में गाते हैं, दिशाएँ गूंज उठती हैं।
भारत में कितने लोकगीत हैं?भारत में लोक संगीत के ग्यारह प्रकार हैं जो मुख्य रूप से देखे जा सकते हैं। भारत में लोक संगीत के कुछ उदाहरण बिहुगीत, लावणी, बाउल, नातूपुरा पाटू, ज़िलेन, कोली, भटियाली आदि हैं।
लोकगीत का साहित्य में क्या स्थान है?लोकसाहित्य का स्थान प्रमाण यह है कि हमारे लोकजीवन के बहुत से और विशेषकर सांस्कारिक तथा धार्मिक कार्य वैदिक मंत्रों से पूर्ण होते हैं। जहाँ ये मंत्र संस्कृत में पढ़े जाते हैं वहीं ग्राम्याओं द्वारा गाए जानेवाले लोकगीत तथा लोकाचार पर आधारित अन्य क्रियाकलाप भी चलते रहते हैं।